बस्तर के झीरम में 25 मई 2013 को नक्सलियों के द्वारा कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा में किया गया हमला कौन भूल सकता है झीरम कांड के 10 साल पूरे...
बस्तर के झीरम में 25 मई 2013 को नक्सलियों के द्वारा कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा में किया गया हमला कौन भूल सकता है झीरम कांड के 10 साल पूरे हो चुके है झीरम और आस पास के गांवों ने लंबे अरसे से नक्सलवाद का दंश झेला विकास से कोसों दूर रहे इन गांवों के ग्रामीणों के लिए लोकतंत्र से मिले मताधिकार का उपयोग करना भी जान जोखिम के डालने के बराबर था वोट डालने के बाद ग्रामीणों को अपनी उंगलियों से स्याही मिठानी पड़ जाती थी।लेकिन अब ग्रामीण लोकतंत्र से मिले अपने अधिकार को अपनी उंगलियों में गर्व के साथ संभाल कर रखते हुए देखे जा सकते है।
झीरम पंचायत का एलंगनार गांव के ग्रामीणों को मतदान के लिए 16 किलोमीटर दूर टाहकवाड़ा जाना पड़ता था लंबे अरसे के बाद मतदान केंद्र झीरम में खोला गया इसे पहले यह गांव बस्तर जिले के दरभा ब्लॉक का हिस्सा हुआ करता था जिला मुख्यालय से दूरी के चलते इस पंचायत को सुकमा जिले के छिंदगढ़ ब्लॉक में शामिल किया गया यह गांव जगदलपुर विधानसभा का हिस्सा है ।
बस्तर डायरी की टीम धुर नक्सल प्रभावित इलाके में पंहुची और गांव का हाल जाना ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने पहली बार गांव में ही मतदान किया है अब ग्रामीण चाहते हैं कि शासन प्रशासन और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी गांव पहुंचे और उनके गांव का विकास हो सड़क मूलभूत चीजों की मांग ग्रामीण कर रहे है।
बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने ग्रामीणों के मतदान करने पर कहा यह प्रजातंत्र की जीत है बस्तर कलेक्टर का कहना है की गांव के विकास के लिए सुकमा प्रशासन से मिलकर यहां सतत प्रयास किए जाएंगे।
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