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गंगामुंडा तालाब गंदामुंडा में हुई तब्दील,चारो ओर पसरी गंदगी,175 एकड़ की तालाब अतिक्रमण की भेंट चढ़ रही.....

  बस्तर।जगदलपुर–छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर को तालाबों का शहर कहा जाता है, लेकिन वर्तमान में आलम यह है कि इन तालाबों के संरक्षण के अभाव में अब ...

 


बस्तर।जगदलपुर–छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर को तालाबों का शहर कहा जाता है, लेकिन वर्तमान में आलम यह है कि इन तालाबों के संरक्षण के अभाव में अब कई तालाब विलुप्त हो गए हैं और जो तालाब बच गए हैं उनकी हालत बत से बदतर हो गई है ,छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े तालाब में शुमार दलपत सागर का करोड़ो रूपये खर्च कर जीर्णोद्धार तो किया गया, लेकिन इस तालाब से जलकुंभी हटा पाने में निगम सरकार फेल ही साबित हो रही है ,


वही जगदलपुर शहर का दूसरा ऐतिहासिक और सबसे पुराने तालाब गंगामुंडा का हाल भी बेहाल हो गया है, आलम यह है कि गंगामुंडा तालाब गंदामुंडा तालाब में तब्दील गया है ,साथ ही यह तालाब अतिक्रमण की भेट चढ़ गया है, तालाब के चारों ओर धड़ल्ले से अतिक्रमण किया जा रहा है, यही नहीं इस तालाब को कूड़ादान बना दिया गया है, शहर से निकलने वाली गंदगी और कचरे को निगम के सफाई कर्मचारियों द्वारा गंगामुंडा तालाब के आसपास फेका जा रहा है, साथ ही घरों के कचरे तालाब में डाल दिए जा रहे हैं, 


175 एकड़ में फैला तालाब धीरे-धीरे सिमटती जा रहा है ,लेकिन निगम प्रशासन इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए कोई प्रयास करता नजर नहीं आ रहा है, जिससे शहर के बुद्धिजीवी और गंगामुंडा तालाब बचाओ अभियान से जुड़े लोगों में निगम प्रशासन के खिलाफ काफी नाराजगी देखने को मिल रही है.....


वही गंगामुंडा तालाब बचाओ अभियान जुड़े सदस्य अजय पॉल, डी.आर पाराशर, अजय तिवारी ,सुब्बाराव , श्रीनिवास राव और ईश्वर का कहना है कि जगदलपुर शहर में दलपत सागर के बाद गंगामुंडा तालाब सबसे बड़ा तालाब और ऐतिहासिक तालाब है, लगभग 175 एकड़ में यह तालाब फैला हुआ है, लेकिन इसके चारों ओर पूरी तरह से गंदगी पसरी हुई है, यही नहीं जलकुंभी से यह तालाब पूरी तरह से ढप चुका है, इसके अलावा अब धीरे-धीरे तालाब अतिक्रमण का शिकार भी हो रहा है, तालाब के किनारे कब्जाधारियों के द्वारा धीरे-धीरे तालाब को ही अपने कब्जे में ले लिया जा रहा है, यही नहीं शहर की पूरी गंदगी तालाब के आसपास फेके जा रहे हैं, जिससे अब इस इलाके से गुजरना भी मुश्किल हो गया है, गंगामुंडा तालाब बचाओ अभियान से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए निगम प्रशासन द्वारा कदम नहीं उठाया जाता है तो गंगामुंडा तालाब भी विलुप्त होने की स्थिति में आ जाएगा...


वही निगम की महापौर सफिरा साहू का कहना है कि गंगामुंडा से अतिक्रमण हटाने प्रशासन अपनी ओर से पूरी तरह से तैयारी कर रहा है,जल्द ही कब्जाधारियों को यहां से हटाया जाएगा, महापौर ने कहा कि जानकारी मिलने के बाद गंगामुंडा तालाब के परिसर में कचरा फेकना बंद करवा दिया गया है, जल्द ही इस तालाब का जीर्णोद्धार किया जाएगा, साथ ही इस तालाब से जलकुंभी हटाने नये मशीन की भी मांग मुख्यमंत्री से की जाएगी...





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